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जिस क्रॉस पर यीशु को चढ़ाया गया था सूली, वह अब कहां हैं?
Apr 17, 2025
Good Friday 2025: ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए 'गुड फ्राइडे' एक पवित्र और भावनात्मक दिन होता है. कहा जाता है कि ईसा मसीह को सूली पर लटकाने के बाद उनकी मृत्यु शुक्रवार को ही हुई थी.
उनकी स्मृति में ईस्टर से पहले शुक्रवार को 'गुड फ्राइडे' मनाया जाता है. इस बार गुड फ्राइडे 18 अप्रैल को मनाया जा रहा है. इस दिन चर्चों में प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता है.
हालांकि, ईसा मसीह की मृत्यु हमेशा से एक रहस्य ही बनी रही. उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि मृत्यु के कुछ दिनों बाद ईसा मसीह फिर से जिंदा हो गए थे और अपने अनुयायियों मिले थे, जिस दिन ईसा मसीह दोबारा जिंदा हुए उस दिन को ईस्टर के रूप में मनाया जाता है. अब सवाल यह है कि ईसा मसीह को जिस क्रॉस पर लटकाया गया था, वह अब कहां है? चलिए जानते हैं इसके बारे में...
सूली पर क्यों चढ़ाए गए थे ईसा मसीह?
गुड फ्राइडे का इतिहास ईसा मसीह की मृत्यु से जुड़ा है. कहा जाता है कि कुछ यूहदी धर्मगुरुओं ने रोम के शासक पिलातुस से शिकायत की कि यीशु खुद को ईश्वर का पुत्र बता रहा है और लोगों को अपने पक्ष में कर रहा है. इस शिकायत के बाद ईसा मसीह पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया. रोम के सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया, जिसके बाद उन्हें कई यातनाएं दी गईं और बाद में सूली पर लटका दिया गया और उनकी मुत्यु हो गई.
कहां लटकाए गए थे ईसा मसीह
कहा जाता है कि रोम शासक पिलातुल के आदेश पर यरूशलेममें ईसा मसीह को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें कई यातनाएं दी गईं और जिस क्रूस पर उन्हें लटकाया जाना था, उसे लादकर खुद ईसा मसीह यरूशलेममें माउंट गोलगोथा तक चले. जहां पर ईसा मसीह ने क्रूस को रख दिया वहीं पर उन्हें सूली पर लटका दिया गया. ईसा मसीह के साथ रोम सम्राट के आदेश पर दो और लोगों को सूली पर लटकाया गया था.
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